24GhontaLive संवाददाता / राजीव गुप्ता / कांचरापाड़ा / 15 जनवरी 2021 : देशभर में सक्रिय संस्था अखिल भारतीय स्वर्णकार विकास परिषद की कांचरापाड़ा इलाके के स्वर्ण आभूषण व्यवसाय से जुड़े लोगों के साथ पहली बैठक कल कांचरापाड़ा में संपन्न हुई।
इस बैठक में स्वर्ण व्यापार से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई इस कारोबार से जुड़े लोगों की समस्या के बारे में तो बात हुई ही इसके साथ साथ आने वाले दिनों में सरकारी संस्थानों की ओर से लागू किए जा रहे कई कठोर नियमों के बारे में भी खुलकर जानकारी दी गई।
इतना ही नहीं इसके साथ साथ सरकार द्वारा इस व्यापार से जुड़े लोगों के लिए दिए जा रहे हैं सुविधाओं को भी बताया गया।
इस बैठक के दौरान व्यापारियों में काफी सकारात्मक उत्साह देखने को मिला । इस बैठक में मुख्य रूप से गोपाल दास, राजू कर्मकार, मनोज साव, ओम प्रकाश गुप्ता, अजीत गुप्ता, चंदन साव, रमेन साव, बिजय गुप्ता, पिंटू साव इत्यादि लोग शामिल हुए । सभी ने परिषद के सुझावों व मांगों की सराहना के साथ जल्द ही यहां एक बड़े सेमिनार की मांग की।
ज्ञात हो कि स्वर्ण व्यापार से जुड़े उन लोगों को समाजवाद सरकारी प्रतिष्ठान हमेशा गलत दृष्टिकोण यानी साफ शब्दों में कहा जाए तो चोर ही समझते थें।
दरअसल इस व्यापार के वर्तमान प्रचलन के आधार पर, सरकार द्वारा लागू किए जा रहे विभिन्न नियम व कानूनों को लागू किया जाए तो व्यापारी चोरी किए बिना शायद ही अपना घर चला पाए।
अतः इस विषय पर भी अखिल भारतीय स्वर्णकार विकास परिषद की ओर से पश्चिम बंगाल के कन्वेनर उमेश सराफ के द्वारा लाए गए एक सुझाव को पूरे देश भर के व्यापारियों कारीगरों या थोक विक्रेताओं के द्वारा समर्थन के साथ काफी सराहना हुई।
ईस सुझाव के तहत सरकार द्वारा तय किए गए स्वर्ण आभूषण के तीनों कैटेगरी यानी 22 18 व 14 कैरेट के गहनों का एक निर्दिष्ट थोक भाव देशभर से निकाला जाएगा। जो की खरीद के लिए अलग वह बिक्री के लिए अलग होगा।
ईस नए स्वरूप में अलग से मजदूरी लेने की प्रथा को भी समाप्त कर दिया जा रहा है।
यहां बताते चले कि सोना जो कि अंतरराष्ट्रीय बाजार तक में एक महत्वपूर्ण धातु की मान्यता पा चुका है।
लेकिन सरकारी स्तर पर इसकी भाव केवल और केवल कच्चे सोने की ही निकाली जाती है। आभूषण के नहीं।
अब परिषद का यह तर्क है कि कच्चे सोने के भाव से ग्राहक को आभूषण बेचना, यानी ग्राहक एवं व्यापारी दोनों के लिए काफी नुकसानदेह साबित हो रहा है ।
क्योंकि ठोश सोने से आभूषण बनाने की जो प्रक्रिया है उसमें ठीक उसी तरह छांट यानी नुकसान होता है, जैसे कपड़े लोहे लकड़ी आदि के सामानों को बनाने में । पर कीमती द्रव्य होने के कारण लोग इसे मानना नहीं चाहत, लेकिन यही वास्तविक सत्य है।
ऐसी स्थिति में ग्राहकों को खुश रखने के लिए यह नुकसान दुकानदार खुद सहने को तैयार हो जाता है। जबकि वास्तविकता कुछ और ही होती है।
अमूमन इस नुकसान की भरपाई हेतु व्यापारी उस सोने में मिलावट करने हेतु बाध्य हो जाता है तथा ग्राहक को दी जाने वाले आभूषण का मानक सामान्य से कम ही होता है।
जिसका नुकसान ग्राहक को भविष्य में उठाना होता है।
देखा जाए तो परिषद द्वारा स्वीकृति प्राप्त इस नए नियम यानी अब गानों के बिक्री और खरीद दर को निकालने का जो फैसला लिया गया है , वह ग्राहक व दुकानदार दोनों को पूर्ण रूप से अस्वस्थ कर रहा है। क्योंकि इस नियम के तहत साफ शब्दों में कहा गया है कि आभूषण के गुणवत्ता से कोई समझौता मंजूर नहीं होगा । अतः ग्राहक को उच्च गुणवत्ता वाले उचित सामान देना होगा तथा वापसी के वक्त भी पूरी पारदर्शिता निभानी होगी।
इसी कारण इस फैसले को ऐतिहासिक माना जा रहा है। यह फैसला स्वर्ण कारों के लिए एक स्वर्ण युग साबित होगा क्योंकि इसमें ग्राहक भी ठगी का शिकार होने से बचेंगे।
इस नए नियम को देश भर से अधिकतर स्वर्णकारों ने लगमझ करने का निर्णय लिया है। 16 जनवरी 2021 से देशभर के साथ-साथ काकीनाडा जगतदल व श्यामनगर के सभी दुकानदार इस नियम से व्यापार की शुरुआत करने जा रहे हैं ।