२४ घंटा लाइव संवाददाता / राजीव गुप्ता / ३० जुलाई : जहां राज्य राजनीति में एक बड़ी उथल पुथल का नजारा है, वहीं भाटपाड़ा भी नहीं है पिछे । एक ओर पौरसभा के उप प्रधान का नाम पार्थ चटर्जी के मामले में कई बार लिया जा चुका है तो दूसरी ओर टेंडर को लेकर कई झमेलों में पार्षदों का नाम आ रहा है ।
गौरतलब है की पार्टी के आला नेता ममता व अभिषेक बनर्जी दोनों ने बयान दे दिया हो की पार्टी के पदाधिकारियों को ठेकेदारी वगैरह से दूर रहना होगा ।
यहां तक की इसी टेंडर विवाद के कारण पिछले महीने के बोर्ड मीटिंग में झड़प भी हुई और तो और इसी महीने एक हत्या भी हो चुकी है ।
बावजूद इसके देखा जा रहा है की पार्टी कोई कदम उठाने से बच रहीं है, जबकि भाटपाड़ा में ठेकेदारी को लेकर समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है ।
सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार पिछले २७ जुलाई को पुनः पौरसभा के भीतर पार्टी के एक पार्षद जो की सोमनाथ गुट के बताए जा रहे हैं व एक युवा नेता जो की अर्जुन सिंह के खेमे से है, के बीच ठेकेदारी को लेकर काफी बहसा बहसी हुई । मामला यहां तक पहुंचा की पार्षद ने युवा नेता को जान से मारने तक की धमकी दे डाली ।
इस ऐवज में युवा नेता द्वारा स्थानीय थाने से लेकर कमिश्नर तक को लिखित शिकायत दी गई है एवं इसकी जानकारी मेल के माध्यम से अभिषेक बनर्जी को भी भेजी गई है ।
अंदाज लगाया जा रहा है की इससे तब तक कुछ होने वाला नहीं है, जब तक कोई बड़ा हादसा ना हो जाए ।
यहां के पार्टी कर्मियों का कहना है की हम लोग सालों साल पार्टी के लिए मेहनत किए, जनता की सेवा किए, पार्टी का झंडा उठाए, मार खाए लेकिन बड़े नेताओं के जी हजूरी करने वाले लोगों को लाकर पार्षद बना दिया जा रहा है तथा वो लोग खुद ही अपने भाई बंधु के नाम से टेंडर भी निकलवा ले रहे हैं और हम लोग मुकदर्शक बने रहेंगे ? क्या यही नीति और निर्देश है पार्टी का ?