२४ घंटा लाइव संवादाता/ राजीव गुप्ता / २२ मई : 38 महीने बाद मजदूरों का कुनबा भाटपाड़ा में फिर से केंद्र बिंदु होगा मजदूर भवन । क्युकी सीधे ममता बैनर्जी को चैलेंज करके २०१९ में सांसद बने यहां के बेताज बादशाह अर्जुन सिंह ने भी आज घर वापसी कर ली है ।
सभी को याद है को मंजर जब अर्जुन सिंह तृणमूल छोड़ कर भाजपा ज्वाइन किया था । उस समय भाजपा से धरमपाल गुप्ता तथा सीपीआईएम से जीतू (जितेंद्र) साव ने थामा था तृणमूल का दामन ।
इन दोनो नेताओं को यह माना जाता था अर्जुन सिंह के खासे विरोधी । हालांकि इस कतार में सोमनाथ श्याम का भी नाम कुमार था ।
हालांकि उस वक्त यहां की जनता के वोट से जीत कर खुद भी सांसद बने तथा अपने पुत्र पवन सिंह को विधायक बनाया ।
धरमपाल गुप्ता जो की इस वक्त इस दुनिया में नहीं रहे । अब बचे सोमनाथ व जीतू । सोमनाथ श्याम इस वक्त जगद्दल से विधायक हैं और इस वक्त अर्जुन सिंह के स्टाइल में चल रहे थे । जैसे की वे खुद ही विधायक हुए, उसके बाद अपने माता रेबा राहा को भाटपाड़ा पौरसभा का प्रधान बनवा दिया । जिससे यहां के पार्षदों में असंतोष पैदा हो गया, क्युकी अधिकतर पार्षद गोपाल राउत को प्रधान पद पर देखना चाहते थे । लेकिन पार्टी के व्हिप के वजह से किसी ने मुंह नही खोला । और तो और इन दिनों अर्जुन सिंह के कई नेताओं से बिलकुल छत्तीस का आंकड़ा था जिसमे सोमनाथ श्याम व सुबोध अधिकारी मुख्य थे ।
अब अर्जुन सिंह के पार्टी में वापस आ जाने से मानो एक बड़ा गुट जो की असंतोष चल रहे थे, सब कहीं ना कहीं काफी उत्साहित दिख रहे हैं ।
रही बात जीतू साव की तो वे खुद भले ही अर्जुन सिंह से खफा थे परंतु कयास असंतुष्ट पार्षद के गुट में होने के वजह से शायद इसबार वे पार्टी नही बदलेंगे, ऐसा ही कहना है जीतू साव के समर्थकों का, यहां तक की जीतू साव के समर्थकों के तरफ से सांसद के घर वापसी पर एक स्वागत का बैनर भी पोस्ट किया गया है ।
अब आगे देखना है अपने खासे विरोधियों के साथ क्या संपर्क रहेगा सांसद का ।