पवन के साथ मिली, और कौन कौन हैं भगत ?

0
267

24 घंटा लाइव संवादाता / राजीव गुप्ता/ भाटपाड़ा 03/मई : हाल ही में संपन्न हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भले ही तीसरी बार सरकार बनाने में सक्षम हुई है तृणमूल कांग्रेस। बावजूद इसके कई महत्वपूर्ण सीटों पर करना पड़ा है हार का सामना।

Advertisement

उन्हीं में एक सीट है अर्जुन सिंह का गढ़ माना जाने वाला भाटपाड़ा

Advertisement 8240054075

इस सीट पर भाजपा की ओर से अर्जुन पुत्र व तात्काल विधायक पवन सिंह दो दूसरी ओर तृणमूल खेमे से सीधे-साधे व्यक्ति जितेंद्र साव जिसे लोग प्यार से जीतू कहते हैं, मैदान में थे ।

Adv
Adv : Keshari Light House

हालांकि 2019 के उपचुनाव में भाजपा के टिकट से जीते पवन सिंह का कार्यकाल लोगों के लिए कोई लाभप्रद नहीं रहा जबकि उस दौरान तृणमूल खेमे से गोपाल राउत, धर्मपाल गुप्ता, अमित गुप्ता, जीतू साव, अमित साव, मन्नू साव, संजय सिंह जैसे नेता दिन रात जनसेवा में ही लगे रहे । जिसमें सबसे अव्वल रहे थे गोपाल राउत


और तो और उस वक्त भाजपा के खेमे में रहे प्रियंगु पांडे जिन्होंने लंबे समय तक बड़े पैमाने पर लोगों में राहत सामग्रियां बांटने का महान काम किया था, वे भी चुनाव के पहले जीतू साव के समर्थन में तृणमूल में शामिल हो गए ।

Blood Donation

बावजूद इसके इस विधानसभा से तृणमूल कांग्रेस प्रत्याशी व जमीनी नेता जीतू साव को हार का मुंह देखना पड़ा और रात में कुंभ करण की नींद सोने वाले आसमानी नेता पवन सिंह की जीत हो जाती है।

पवन व जीतू

जो कि बिल्कुल अचरज की बात है और इस पर सवाल उठना तो लाजमी है।
वैसे तो इस चुनाव में हार का एक मुख्य कारण, पौरसभा की नागरिक परिषेवा में विफता और भ्रष्टाचार पर चुप्पी ही माना जा रहा है।

करोड़ों के काले कारबार में पौरसभा मौन

दूसरी ओर इस विधानसभा में अभिषेक बनर्जी का केवल एक सभा को छोड़ दिया जाए तो बाकी पूरे प्रचार के दौरान अन्य किसी भी बड़े या कद्दावर नेता का यहां प्रचार में सामिल नहीं होना अपने आप में एक प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है ।

BHATPARA 35 नं वार्ड में तालाब पाट कर करोड़ों की कमाई

सवाल उठा है कि आखिर कौन सी ऐसी मजबूरी रही होगी कि यहां इस लोकसभा के बाकी छह विधानसभा में कई बड़े-बड़े नेताओं से लेकर सेलिब्रिटी तक को प्रचार करते देखा गया, लेकिन उन में से किसी ने भी एक बार के लिए यहां कदम रखना मुनासिव नहीं समझा ।

तो क्या ये सब आला नेताओं की चाल थी ?  बड़े नेता अर्जुन सिंह के साथ गुप्त समझौता कर बैठे थे ?  ऐसेे काफी सारे सवाल है जिनका जवाब अभी तक ढूंढा जा रहा है ।

Advertisement

इसी दौरान आज एक फोटो वायरल होता है, जिसमे साफ देखा जा सकता है कि स्थानीय तृणमूल के जिम्मेदार नेता अशोक दत्तो की पत्नी तथा पूर्व पार्षद व तृणमूल नेत्री मिली दत्तो के घर पर साकारात्मक माहौल में मौजूद हैं पवन सिंह ।

इससेे पार्टी में छिपे गद्दारों की मौजूदगी का शक और बढ़ता है । हालांकि यह फोटो कब का है इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन इस फोटो के वायरल होते ही सोशल मीडिया में तृणमूल कर्मियों का गुस्सा फूटता है तथा पार्टी में छिपेे और कई गद्दार नेताओं का पता लगाकर उन पर कड़ी कार्यवाही की मांग भी की जा रही है ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here