२४ घंटा लाइव संवादाता / रवि सिंह / कोलकाता / १७ अक्टूबर २०२२ : प.पू.खरतरगच्छाधिपति आचार्य देवेश श्री जिनमणिप्रभ सूरिश्वरजी म.सा. के 50 वें संयम जीवन अनुमोदनार्थ युवा शक्ति संगम(कोलकाता) द्वारा श्री जैन श्वेतांबर दादाबाडी, कोलकाता के प्रांगण में दिव्यांग(नेत्रहीन) भाई-बहनों के बीच दिवाली पूर्व वस्त्र और मिठाई वितरण करके भगवान श्री महावीर स्वामी जी के आदर्श “जीओ और जीने दो”को चरितार्थ करने का एक छोटा सा प्रयास किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में लोकप्रिय दैनिक समाचार पत्र छपते-छपते और ताजा टी.वी.के प्रधान संपादक और विशिष्ट समाजसेवी श्रीमान बिश्वम्भर नेवर जी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में संस्था के सेवामूलक कार्यों की सराहना करते हुए,”परहित सरिस धरम नहीं भाई, परपीरा सम नहीं अधमाई” का व्याख्यान किया।
इस कार्यक्रम में पू. गणिनी श्री सुलोचनाश्री जी म. सा एवं तपोरत्ना श्री सुलक्षणा श्री जी म.सा की सुशिष्याऐं साध्वी श्री प्रियस्मिता श्री जी, डॉ. प्रियलताश्री जी, डॉ. प्रियवन्दनाश्री जी श्री प्रियप्रेक्षांजनाश्री जी, श्री प्रियदर्शाजनाश्री जी, श्री प्रियचैत्यांजनाश्री जी का पावन सानिध्य और आशीर्वाद संस्था के सभी सदस्यों और उपस्थित सभी सज्जनों को प्राप्त हुआ।
इन्होने परोपकार और मानव सेवा पर प्रवचन देकर उपस्थित लोगों का मार्गदर्शन किया। कार्यक्रम का आयोजन संस्था के अध्यक्ष बिमल सिपानी के कुशल नेतृत्व में हुआ। उन्होने कहा कि दिव्यांगो की सेवा ही ईश्वर की सेवा है।
कांति लाल मुकीम, नरेंद्र कुमार पारसIन ,सुशील कुमार रायसूराना,रामावतार जाकोटिया, उत्तम चंद लूनिया, श्रीपाल पारख, विजय तिवारी, महेंद्र चौधरी, उत्तम छाजेड़, विनोद सुखानी, प्रशांत जैन, राजेन्द्र सिंघी और
संस्था के सभी सम्मानित सदस्यों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सराहनीय योगदान दिया जबकि मंच का संचालन कवि गजेंद्र नाहटा ने किया।