24 GhontaLive संवाददाता/ राजीव गुप्ता/ बैरकपुर/ 25 मार्च: भाजपा के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद से मुंह छुपाए बैठे, दिनभर सुरक्षा गार्ड लेकर घूमते हुए खुद को शेर कहलाने वाले भाजपा के एक फेसबुकिया नेता आज सरेआम अपना मुंह दिखाने आ रहे हैं।
आज भाजपा बैरकपुर के पूर्व सचिव व भाटपारा क्षेत्र के प्रथम दर्जे के भाजपा नेताओं में एक संतोष सिंह के द्वारा उनके कार्यालय में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में हाजिर रहेंगे माननीय नेताजी श्रीमान प्रियांगु पांडे जी ऐसी जानकारी है ।
दरअसल भाटपाड़ा में भाजपा की बात की जाए तो संतोष सिंह वह नेता है जो विषम परिस्थितियों में भाजपा परिवार में शामिल होकर अपने कारोबार की काफी नुकसान सहते हुए भी अपने इलाके में ही शेर की तरह दहाड़ते रहे।
जिस वक्त तृणमूल के कद्दावर नेता व स्थानीय विधायक अर्जुन सिंह के खौफ से इलाके में भाजपा का नाम लेने से भी लोग डरते थे उस वक्त तृणमूल छोड़कर भाटपाड़ा के गली गली में भाजपा का झंडा लिए घूमते देखे गए थे संतोष सिंह।
वर्तमान विधानसभा चुनाव में भाजपा के द्वारा किसी एक सीट से संतोष सिंह जैसे योद्धाओं को मैदान में उतारने की कवायद जोरों पर थी लेकिन ऐसा ना होने पर भी भाजपा का आदर्श मोदी जी के नाम का नारा लगाते हुए संतोष कर गए संतोष सिंह। यही होता है किसी भी पार्टी के असली सैनिकों का बर्ताव। ऐसे लोग टिकट या अन्य कुछ पाने के लिए नहीं बल्कि पार्टी के बैनर तले जनसेवा के उद्देश्य ही राजनीति में आते हैं।
लेकिन टिकट न मिलने से आहत प्रियंगु पांडे को जैसे सांप सूंघ गया हो। उन्होंने अपने सैकड़ों फेसबुक प्रोफाइल और पेजों को उटपटांग पोस्ट करने में लगा दिया। माना जा रहा है कि अक्सर अपने फेसबुक प्रोफाइलो के जरिए बड़ी-बड़ी बातें करने वाले पोस्ट से पार्टी आलाकमान को रिझाने में नाकाम रहे प्रियंगु पांडे अब टिकट ना मिलने के बाद किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहे ।
इस उपनगरी में अर्जुन सिंह एक ऐसे ब्रांड हैं जो पूरे बैरकपुर के नब्स को पहचानते हैं। तृणमूल में रहते हुए भी जिस कद को हासिल किया था उस रुतबे को भाजपा में आकर उसे बरकरार ही नहीं, काफी कम समय में और ऊंचाई तक पहुंच गए हैं अर्जुन सिंह।
शायद यह बात ही हजम नहीं हो रही है श्रीमान प्रियंगु पांडे जी को। उनका इसी बात पर भाजपा में अर्जुन से इर्षा रूपी विरोध है।
लेकिन गौर किया जाए तो प्रियांगु पांडे खुद बिना कोई लड़ाई या इलाके में मेहनत किए, बल्कि इलाके से भाग कर पैराशूट के जरिए फेसबुक पर राजनीति किए।
और तो और अर्जुन सिंह के राज्य भाजपा के सह सभापति बनने के बाद ही पांडे जी को फेस बुक से निकल कर जमीनी स्तर पर काम करने के शर्त पर भाजपा युवा मोर्चा के राज्य कमेटी में सदस्य बनाया जााता है ।
उसके बाद भी पांडे जी कुछ ऐसा करने का कोशिश करते हैं । नबान्न अभियान खत्म हो जाने के बाद बेबी तिवारी के साथ पुलिस के सामने जाकर नौटंकी करते हैं जैसे की ये खुद दिलीप घोष से ऊपर के नेता हों, और साहब की अच्छे से कुटाई हो जाती है। जिससे पार्टी की इतनी किरकिरी हुई की कोई भी आला नेता उनके साथ नही दिखे।
इसके बाद जब इन्हे कई इलाकों में पार्टी का प्रचार प्रसार की जिम्मेदारी दी गई तो साहब के पास अपने लोग तो थे नहीं। बाद में प्रियांगु पांडे और बलविंदर सिंह रास्ते के आसपास भाजपा का झंडा लगाते हुए देखे गए।
यह बलविंदर सिंह वही व्यक्ति है जिनके नवान अभियान के दौरान पगड़ी खुल जाने से देशभर में सिखों को भड़काया गया था। यह कह कर कि बलविंदर सिंह भाजपा कार्यकर्ता नहीं बल्कि पांडे जी के सुरक्षा गार्ड हैं।
लेकिन उनकी असलियत शायद इस फोटो को देखकर सामने आ जाता है।
अब सवाल यह भी उठता है कि अगर बलविंदर सिंह सुरक्षाकर्मी है तो वह भाजपा का झंडा क्यों लगा रहे हैं और अगर वह भाजपा के समर्थक हैं तो फिर नबान्न अभियान के दौरान उनके पास हथियार क्यों थे। ये दृश्य किस ओर इशारा कर रहा है ? क्या पुलिस फिर से इस मामले की जांच करेगी ?
यह तो हम आगे जरुर दिखाएंगे। पर देखते हैं संतोष सिंह के कार्यालय में संवाददाताओं के सामने आखिर कौन सा तर्क रखने जा रहे हैं पांडे जी। वे अपने पदों से इस्तीफा देंगे या फिर अपनी गलतियों के कारण पार्टी आलाकमान से क्षमा मांग कर वास्तविक राजनीति मैं आगे बढ़ेंगे और भाटपाड़ा के विधायक पवन सिंह के समर्थन में प्रचार प्रसार में उतरेंगे जैसा कि जगदल में सौरव सिंह व नैहाटी में संतोष सिंह सक्रिय है।
हालांकि भाजपा के किसी भी बड़े नेता जैसे नरेंद्र मोदी अमित शाह या जे पी नड्डा के सभाओं को अपने विभिन्न पेज और फाइलों से स्ट्रीम करते रहे हैं लेकिन कल प्रधानमंत्री के भाषण को इनके किसी प्रोफाइल से स्ट्रीम करते नहीं देखा गया। हालांकि इससे भाजपा को कोई फर्क नहीं पड़ता, केवल ऐसे लालची लोगों का चरित्र सामने आता है।