24GhontaLive संवाददाता / राजीव गुप्ता / कोलकाता / 12 Nov: Online News Portals के अच्छे दिन आए, होगा अवैध पुलिसिया उत्पीड़न का अंत। अब केंद्र सरकार ने OTT (ओवर-द-टॉप) प्लेटफार्मों को अपने नियंत्रण में ले लिया है।
केंद्र सरकार ने सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत ऑन लाइन न्यूज़ पोर्टल लाने का निर्देश जारी कर दिया है। जिसके अनुसार ऑन लाइन समाचार मीडिया सहित सोशल साइट्स अब पूर्वोक्त मंत्रालय के नियंत्रण में होंगे। लेकिन यह अभी स्पष्ट नहीं हैै कि स्थानीय सोशल मीडिया को इस आधार पर स्वीकृति दी जाएगी। क्योंकि सबसे आसान व्यवस्था होनेे के वजह से हर गली नुक्कड़ पर भी देखने को मिला है कि अनुभवहीन लोग भी खुद को मीडिया का हिस्स बताते रहे हैं।
कल राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के हस्ताक्षर के बाद संबंधित अधिसूचना सोमवार को ही जारी कर दी गई ।
सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर में स्वायत्त निकाय द्वारा ओटीटी प्लेटफार्मों को विनियमित करने की याचिका के बाद केंद्र से जवाब मांगा था। उसके बाद ये अधिसूचना जारी की गई ।
यह अधिसूचना सरकार को सोशल मीडिया पर समाचार को विनियमित करने का अधिकार प्रदान करती है। यह नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार, अमेज़ॅन प्राइम वीडियो को नियंत्रित करेगा और फेस बुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर समाचारों को भी नियंत्रित करेगा।
सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि मीडिया की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठाएगी लेकिन ओटीटी प्लेटफार्मों पर कुछ प्रकार के नियम होने चाहिए। अब प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और फिल्म्स सभी के लिए नियामक यही है।
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कई पोर्टल रिपोर्टर्स और ओनर्स एसोसियेशन ने नोटिफिकेशन के बाद संतोष व्यक्त किया। क्योंकि उन्हें लगता है कि वे अब कानूनी तौर पर और निडर होकर काम कर सकेंगे।
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ज्ञात हो कि News Portal के कर्मियों को खबर कवरेज के दौरान भारी बाधाओं, धमकियों या तो कभी निगृहीत होने का सामना करना पड़ता है। ऐसे मामले ज्यादातर पुलिस के विरुद्ध सामने आता रहा है, यह कहते हुए कि ऑन लाइन मीडिया के पास कोई कानूनी दस्तावेज नहीं है। सबसे ज्यादा सक्रिय पोर्टल को देखा गया, पुलिस ने उनके गतिविधियों को अवैध ही माना है। यहां तक कि कैमरे बंद करवा के उनपर हाथ चलाना, कई को झूठे मामलों में परेशान, उत्पीड़ित और कभी कभी अदालतों तक घसीट दिया जाता रहा है।
24GhontaLive के पास भी ऐसे घटना से रूबरू होने का अनुभव है, जब एक अवैध कार्यकलाप को पुलिस के समक्ष लाने पर अभियुक्तों पर कारवाही करना तो दूर उल्टा चैनल के काग़ज़ दिखाने को कहा गया।
एक रिपोर्टर ने यहां तक कहा कि, “पुलिस के एक तबके में राजनेताओं के साथ सांठगांठ है और जब भी कोई ऐसा ऑन लाइन मीडिया उनके भ्रष्टाचार का खुलासा करता है, तो खुद को सुरक्षित करने के लिए, वे पुलिस और क्लच की मदद लेते हैं। पुलिस उस दौरान कानून का दुरुपयोग करते हुए ऑन लाइन मीडिया कर्मियों की आवाज दबाने की कोशिश करता है।
हालाकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता की न्यूज पोर्टल के आड़ में कहीं कहीं अवैध कार्यकलाप भी किए जा रहे हैं। कोई डिग्री या कहीं लंबे समय कार्य करने का अनुभव हो या ना हो, एक Facebook में Page खोलकर एक बूम खरीद कर खुद को पत्रकार घोषित कर देना भी एक गम्भीर चिन्ता का विषय है। उसपर भी अंकुश लगाना जरूरी है।
उम्मीद जताई जा रही है कि इस अधिनियम के जारी होने के बाद इस सभी दुविधाओं को दूर किया जा सकेगा ।